BY~SHAYARDADA2
सुप्रभात दोस्तों तो कैसे हैं आप लोग आशा करता हूं हर बार की तरह इस बार भी आप स्वस्थ और मजे में होंगे। मुझे यह जानकर बेहद खुशी हुई की आपको हमारी यह शेरो-शायरी बेहद पसंद आई है। मैं आशा करता हूं कि हर बार की तरह इस बार भी आपको यह शेरो-शायरी अच्छी लगेगी।इस बार हम लोगों ने राहत इंदौरी कुछ प्रसिद्ध शायरी लेकर आए हैं।
राहत इंदौरी एक प्रसिद्ध उर्दू शायर और गीतकार थे। उनका जन्म 1950 में इंदौर में हुआ था।उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में अपनी पहली शायरी किया था जब वह केवल 19 वर्ष के थे।
इंदौरी ने मुशायरा और कवि सम्मेलन में 40-45 साल तक प्रदर्शन किया। उन्होंने कविता पाठ करने के लिए व्यापक रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रा की। उन्होंने भारत के लगभग सभी जिलों में काव्य संगोष्ठियों में भाग लिया और कई बार अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सिंगापुर, मॉरीशस, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, कतर, बहरीन, ओम की यात्रा भी की।
उन्होंने 10 अगस्त 2020 को भारत में COVID-19 महामारी के दौरान COVID-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया, और उन्हें इंदौर, मध्य प्रदेश के अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक दिन बाद 11 अगस्त 2020 को कार्डियक अरेस्ट से उनका निधन हो गया।
वह उर्दू शेर-ओ-शायरी के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता थे। वह हिंदी फिल्म उद्योग में एक लोकप्रिय गीतकार भी थे।
उनकी लिखी कुछ कविताएं और शेरो शायरी जो मुझे बेहद पसंद है उसको इकट्ठा कर आपके लिए बनाया हूं मैं आशा करता हूं कि आपको भी यह पसंद आएगा
तो चलिए शुरू करते हैं
1. वो चाहता था के कासा खरीद ले मेरा
मैं उसके ताज की कीमत लगा के लौट आया।
~ राहत इंदौरी
2. तेरी कुछ बात ही अलग है,
वरना मैं अपने आप से भी कम ही मिला हूं।
~ राहत इंदौरी
3. फूलों की दुकान खोलो, खुशबू का बयापार करो
इश्क खाता है तो, ये खाता एक बार नहीं, सौ बार करो।
~ राहत इंदौरी
4. हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते जाते हैं
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते
अब तो हर हाथ का पत्थर हम में पछता है
उमर गुजरी है तेरे शहर में आते जाते हैं।
~ राहत इंदौरी
5. जगने की भी जगने की भी आदत हो जाए
काश तुझ को भी किसी शायर से मोहब्बत हो जाए,
दूर हम कितने दिनों से हैं ये कभी गौर किया
फिर ना कहना जो अयनत में ख्याल हो जाए।
~ राहत इंदौरी
6. खूबसूरत है शक का ये पहलू
मैं भी बरबाद हो गया और तू भी।
~ राहत इंदौरी
7. एक एक हरफ का अंदाज बदल रखा है,
आज से हमें तेरा नाम ग़ज़ल रखा है,
मैने शाहो की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया,
मेरे कामरे मैं भी एक ताजमहल रखा है.
~ राहत इंदौरी
8. जवान आंखों के जुगनू चमक रहे होंगे
अब अपने गांव में अमरूद पाक रहे होंगे
भूले मुझे मगर, मेरी अनगिनत के निशान
तेरे बदन पे अभी तक चमक रहे हैं।
~ राहत इंदौरी
9. ज़ुबान से खोल, नज़र से मिला, जवाब से दे,
मैं कितनी बार लुटा हूं मुझे अच्छा तो दे
तेरे बदन की लिखावत मैं हैं उतर चड्ढावी
मैं तुझे कैसे पढूंगा मुझे किताब तो दे…
~ राहत इंदौरी
10. मैंने दिल दे कर उससे की थी वफ़ा की इब्तिदा,
उसे धोका दे के ये किस्सा मुकममल कर दिया।
शहर में चर्चा है आखिरी ऐसी लड़की कौन है,
जिस ने अच्छे खासे इक शहर को पागल कर दिया।
~ राहत इंदौरी
11. इज़हार-ए-इश्क की ख़तीर की अल्फाज़ सोचे थे,
खुद ही को भूल बैठे हम, जब तुम सामने आए!
~ राहत इंदौरी
12. मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी
~ राहत इंदौरी
13. किसी से हाथ भी चुप कर मिलाये
वर्ना इसे भी मौलवी शब हराम कह देंगे।
~ राहत इंदौरी
14. कभी अकेले में मिल कर झंझोड़ दूंगा उसे
जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूंगा उसे
मुझे छोड़ गया ये कमाल है उस का
इरादा मैंने किया था के छोड़ दूंगा उसे...
~ राहत इंदौरी
15. झुकने से रिश्ता गहरा हो तो झुक जाओ।
पर हर बार आपको ही झुकना पारे तो रुक जाओ..
~ राहत इंदौरी
16. किसने दस्तक दी दिल पर, कौन है?
आप तो अंदर हैं, बहार कौन है?
~ राहत इंदौरी
17. तुझे भूलने की तरकीब सोच राखी है
बास एक शरब का बोतल दावोच राखी है।
~ राहत इंदौरी
18. जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमना भी है,
वो शक्स सिरफ भला ही नहीं, बुरा भी है
मैं पूजता हूं जिसे, उससे बनियाज भी हूं,
मेरी नजर में वो पत्थर भी है, खुदा भी है।
~ राहत इंदौरी
19. फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए
जंग हो या इश्क हो, भरपुर होना चाहिए
भूल भी हैं, जरूरी याद रखने के लिए
पास रहना है, तो थोड़ा दूर होना चाहिए।
~ राहत इंदौरी
20. साल भर ईद का रास्ता नहीं देखा जाता:
वो गले मुझसे से किसी और बहाने लग जाये।
~ राहत इंदौरी
21. फूंक डालूंगा माई किसी रोज दिल की दुनिया,
ये तेरा खात तो नहीं है की जला भी ना सकुन...
~ राहत इंदौरी
22. कत्ल करने की खुली छूट है अब भी लेकिन
प्यार मत करना, यह प्यार पे पबंदी है।
~ राहत इंदौरी
23. चू गया जब कभी ख्याल तेरा, दिल मेरा डर तक धड़कता रहा।
कल तेरा ज़िक्र चिड़ गया था घर में, और घर डर तक महकता रहा..
~ राहत इंदौरी
24. ना हमसफ़र ना किसी हम-नशीन से निकलेगा,
हमारे पांव का कांटा हम से निकलेगा।
~ राहत इंदौरी
25. ना हमसफ़र ना किसी हम-नशीन से निकलेगा,
हमारे पांव का कांटा हम से निकलेगा।
~ राहत इंदौरी
मुझे उम्मीद है कि आपको यह राहत इंदौरी कुछ प्रसिद्ध हिंदी शायरी संग्रह पसंद आया होगा 💝🙏|
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